Dussehra 2024: शारदीय नवरात्र के 9 दिन मां भगवती के व्रत करने के बाद 10 वें दिन यानी दशहरा पर भगवान राम की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशहरा को हर साल लोग आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाते है। इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इस साल 2024 में दशहरा को 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। और देश भर में जगह-जगह रावण के लिए जलाए जाएंगे। चलिए बताते है दशहरा मानने के पीछे की पौराणिक मान्यताएं। (Dussehra 2024)
भगवान राम ने किया था रावण का वध (Dussehra 2024)
मान्यता है की मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने जिस दिन रावण का वध किया उस दिन शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि थी। भगवान श्री राम ने 9 दिन तक मां दुर्गा की उपासना की और फिर 10 वें दिन रावण का वध किया। तभी से विजयादशमी के रूप में इस त्योहार को मनाया जाता है। रावण के बुरे कर्मों पर श्रीराम जी की अच्छाइयों की जीत हुई थी इसलिए इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी इस त्योहार को मनाया जाता है।
मां दुर्गा ने किया था महिषासुर का वध
पौराणिक मान्यताओं में विजयादशमी को मनाने के पीछे एक और मान्यता यह है की महिषासुर और उसकी सेना द्वारा देवताओं को परेशान किए जाने की वजह से मां दुर्गा ने चंडी का रूप धारण कर 9 दिनों तक लगातार महिषासुर और उसकी सेना से युद्ध किया था और 10 वें दिन महिषासुर का अंत करने में उन्हें सफलता हासिल हुई। इसलिए भी शारदीय नवरात्र के बाद दशहरा मनाने की परंपरा है। इस दिन मां दुर्गा की मूर्ति का भी विसर्जन किया जाता है। (Dussehra 2024)